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कोई आपको चुपचाप गुलाम बना रहा है, सावधान! || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2023)

2024-09-25 0 Dailymotion

‍♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं? <br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir... <br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं? <br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?... <br /><br />➖➖➖➖➖➖ <br /><br />#acharyaprashant #kabir <br /><br />वीडियो जानकारी: 24.12.23, संत सरिता, ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />कबीर भजन <br />"अब से खबरदार रहो भाई अब से खबरदार रहो भाई" <br /><br />अब से खबरदार रहो भाई । <br />गुरु दीन्हा माल खज़ाना, राखो जुगत लगाई । <br />पाव रती घटने नहिं पावै, दिन दिन होत सवाई ।। <br />क्षमा शील की माला पहनो, ज्ञान वस्त्र लगाई । <br />दया की टोपी सिर पर दे के, और अधिक बन आई ।। <br />वस्तु पाई गाफ़िल मत रहना, हर दिन करो कमाई । <br />घट के भीतर चोर लगत हैं, बैठे घात लगाई ।। <br />बाहर ज्ञान रहे सिपाही, भीतर भक्ति अधिकाई । <br />सुरति ज्योति हर दम सुलगे, कस कर तेल चढ़ाई ।। <br /> ~ कबीर साहब शब्दार्थ: जुगत- युक्ति; गाफ़िल- अचेतन; सुरति- ध्यान <br /><br />~ हम जो कुछ भी कर रहे हैं, हमसे कौन करवाता है? <br />~ "मैंने किया" ये झूठ क्यों है? <br />~ हम कुछ भी नहीं करते तो कौन करता है? <br />~ इन्द्रियाँ हमें ज्ञान से दूर कैसे करती हैं? <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते <br />~~~~~

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